स्वामी विवेकानन्द जी का जीवन हर किसी के लिए अत्यंत प्रेरणादायक

ग्वालियर - जीवाजी विश्वविद्यालय की प्रबंध अध्यनशाला में आयोजित विवेकानंद श्रंखला के प्रथम व्याख्यान का आयोजन किया गया । इस दौरान राम कृष्णा मिशन आश्रम, ग्वालियर के सचिव स्वामी राघवेंद्र नंदा महाराज मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्त के रूप में उपस्थित थे ।


व्याख्यान के दौरान स्वामीजी ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा की स्वामी विवेकानन्द जी का जीवन हर किसी के लिए अत्यंत ही प्रेरणादायक है। उनके जीवन को समझ पाना ही अपने आप में एक उपलब्धि है । उन्होंने कहा की भारत की संस्कृति अपने आप में पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ है हर भारतवासी का कर्त्तव्य है की उसे संजोकर रखना है। स्वामी विवेकानंद भारत की युवा पीढ़ी के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है।


उन्होंने बताया की भारत तथा भारतीय संस्कृति को विश्व के सामने प्रस्तुत करने का सफल प्रयास स्वामी विवेकानंद जी ने किया जो आज तक जीवंत है तथा नित्य जीवंत रहेगा उन्होंने छात्रों से चर्चा करते समय यह उजागर किया की उस कालखंड में जब भारत परतंत्र था तब स्वामीजी ने रामकृष्ण परमहंस की प्रेरणा से पूरे विश्व में भारत का गौरव स्थापित्व किया और यह आज के भारतीय युवा को प्रेरणा लेकर विश्वस्तर पर आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने चर्चा के दौरान स्वामीजी के कई वृतांत छात्रों के सामने प्रस्तुत किये और कहा की वेदांत में ही संसार की समस्याओं का हल छिपा है, इसलिए भारतीय दर्शन तथा एकात्मता के द्रष्टिकोण को सुदृढ़ करते हुए आगे बढ़ाने की वर्तमान में आवश्यकता है ।


उन्होंने कहा की भारत विश्व की आशा की किरण है इसलिए छात्रों को विवेकानंद जी से प्रेरित हो अपने व्यक्तित्व का निखार करना होगा । अतिथियों का स्वागत करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो सुविज्ञा अवस्थी ने कहा की मैनेजमेन्ट छात्रों को अपनी चिंतन शक्ति और कॉग्निटिव क्षमताओं को भी तीव्र करना होगा क्योंकि स्वामीजी ने कहा था की व्यक्ति के विचारों से ही व्यक्ति की पहचान होती है क्योकि विचार चार एवं जीवंत रहते है। उन्होंने कहा की आज के युग में विश्व स्तर पर भारतीय नेतृत्व की आवश्यकता है इसलिए छात्रों को स्वामी विवेकानंद जी को आदर्श के रूप में लेकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है।